Monday, December 15, 2008

३ जी, कब और कैसे


जी- कब और कैसे
अब देश में मोबाइल यूजर्स की दुनिया बदल जाएगी। 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने 3G मोबाईल सेवाएं लॉन्च कर दीं। उसके बाद देश की बडी मोबाईल सर्विस प्रोवाइडर भारती एयरटेल ने कहा है कि अगले 6 महीनों में एयरटेल के उपभोक्ताओं को भी 3G सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। एयरटेल का कहना है कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के कुछ ही हफ्तों बाद कंपनी को स्पेक्ट्रम एलोकेट कर दिया जाएगा। एयरटेल पर इस सेवा के आने से देशभर में 3G सेवा तेज़ी से फैलेगी


अब लीजिए मोबाइल पर ब्रॉडबैंड
3G की शुरुआत दिल्ली और मुंबई में MTNL कर रही है। इस सर्विस का नाम है 3G जादू।

अब तक हम मोबाइल फोन का ज्यादातर इस्तेमाल बातचीत, मैसेजिंग, ईमेल और स्लो स्पीड ब्राउजिंग के लिए ही कर पा रहे हैं। पर जल्द ही जिंदगी की तेज रफ्तार में मोबाइल फोन आपके लिए जानकारी और मनोरंजन का अंबार लाएगा। यह सब हो पाएगा थर्ड जेनरेशन (3जी) की मोबाइल सर्विस की शुरुआत से। इसके बाद टेलिकॉम ऑपरेटर मोबाइल फोन पर कई वैल्यू ऐडेड सर्विसेज जैसे वीडियो फोन, ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग और ऑनलाइन गेम्स शुरू कर पाएंगे।


3 जी आने के बाद बदलेगी आपके मोबाइल की दुनिया
अब हम अपने मोबाइल फोन से इंटरनेट बेस्ड सर्विसेज का इस्तेमाल उतनी ही तेजी से कर पाएंगे, जितनी तेजी से कंप्यूटर के जरिये। सीधे शब्दों में - इंटरनेट पर ब्रॉडबैंड की दुनिया। मोबाइल फोन से डेटा ट्रांसफर काफी फास्ट हो जाएगा और मल्टिमीडिया सर्विसेज का दायरा बढ़ेगा। मोबाइल से ग्राफिक, फिल्म क्लिप, विडियो क्लिप आदि आसानी से और जल्दी भेजे जा सकेंगे। इनकी पिक्चर क्वॉलिटी भी बेहतर होगी। वॉइस सर्विसेज की क्वॉलिटी भी इंप्रूव करेगी। मोबाइल टीवी यानी मोबाइल पर टेलिविजन देखना मुमकिन हो पाएगा। अब हम मोबाइल फोन के जरिये विडियो कॉल्स और विडियो कॉन्फ्रेंसिग कर पाएंगे। यानी मोबाइल फोन पर वैल्यू ऐडेड सर्विसेज का अंबार।


अभी क्या हैं हालात
आज की तारीख में हम चाहकर भी मोबाइल पर इन वैल्यू ऐडेड सर्विसेज का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसकी वजह यह है कि मोबाइल कंपनियों के पास 3जी सर्विसेज शुरू करने का लाइसेंस नहीं है। एमटीएनएल और बीएसएनएल के बाद सरकार निजी कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाली है।





3जी सर्विस आने के बाद
इससे कंपनियों को अडिशनल स्पेक्ट्रम (रेडियो फ्रीक्वेंसी) अलॉट किए जाएंगे। इससे कंपनियों को आज के मुकाबले ज्यादा वैंडविड्थ हासिल हो पाएगी। हम यूं कह सकते हैं कि मोबाइल कंपनियों को एयर वेव्स के जरिये अपनी सर्विसेज मुहैया कराने के लिए अभी के मुकाबले काफी ज्यादा चौड़ी सड़क मिलेगी। यही वजह है कि टेलिकॉम कंपनियां नई वैल्यू ऐडेड सर्विसेज भी शुरू कर पाएंगी। उनकी सर्विसेज की स्पीड भी काफी बढ़ेगी और हाई स्पीड डेटा ट्रांसफर संभव हो पाएगा।'


मोबाइल कंपनियों की तैयारी
टेलिकॉम सेक्टर के जानकारों के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियां 3जी सर्विसेज के लिए जरूरी तैयारियों में जुटी हुई है. ताकि जैसे ही लाइसेंस मिले, वे 3जी की वैल्यू ऐडेड सर्विसेज की शुरुआत कर दें। इधर, मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियां भी लगातार ऐसे हैंडसेट्स पेश करने में जुटी हैं, जो 3जी कम्पैटिबल (जिन हैंडसेट्स पर 3जी सर्विसेज का इस्तेमाल किया जा सकता है) हों। उप्पल कहते हैं - 'देश में उपलब्ध हैंडसेट्स में करीब एक चौथाई 3जी कंपैटिबल हैं।'


आपकी तैयारी
यदि हमारा हैंडसेट 3जी कंपैटिबल नहीं है, तो हम 3जी सर्विसेज का इस्तेमाल नहीं कर सकते। लिहाजा यदि हम कोई नया हैंडसेट खरीदने जा रहे हैं, तो यह जरूर देख लें कि वह 3जी कंपैटिबल है या नहीं। आजकल 7-8 हजार के रेंज में 3जी कंपैटिबल हैंडसेट्स मिलने शुरू हो जाते हैं।







जी पर अधिक जानकारी के लिए मेरे अंग्रेजी ब्लॉग का सितम्बर २००८ भाग देखें
इसका लिंक:
http://anuragshandilya.blogspot.com/2008/09/3g-what-how-and-when-in-india.html