Monday, November 17, 2008

हिन्दी में सोचना और लिखना स्वाभाविक है, प्रयास तो कीजिये

हिन्दी में सोचना और लिखना स्वाभाविक है, प्रयास तो कीजिये





यहाँ कुछ टिप्पणियाँ व निर्देशों का हिन्दी रूपांतर दिया जा रहा है. आप इन्हें अपनी दिन- प्रतिदिन के कार्यालयी कार्यों में प्रयोग कर सकते हैं. फ़िर ध्यान दें कि हिन्दी में सोचना और लिखना स्वाभाविक है, प्रयास तो कीजिये.
इन टिप्पणियाँ व निर्देशों को स्वयं संकलित किया गया है व फोटो के रूप में यहाँ दिया गया है. यदि किसी को किंचित कारणों से इन पर आपत्ति हो तो इन्हें ग़लत व मिटा हुआ मानें. ऐसा होना मात्र एक संयोग ही है व ब्लोगर का इससे कोई लेना- देना नहीं है. ब्लोगर इसके लिए क्षमा प्रार्थी है.

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